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मेगास्टार आज़ाद की फिल्म राष्ट्रपुत्र ने मिड-डे शोबिज़ आइकोनिक अवार्ड्स में चार अवार्ड जीता


मेगास्टार आज़ाद की कृति राष्ट्रपुत्र चार श्रेणियों में पुरस्कृत हुई | यह बहुत ही ख़ुशी और उल्लास का क्षण है कि जब आज़ाद को मिड-डे शोबिज़ आइकॉनिक अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित एवं महत्वपूर्ण सम्मान से सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लेखक के रूप में सम्मानित किया गया | इसके साथ ही कामिनी दुबे और लीजेंडरी फिल्म कंपनी, भारतीय सिनेमा की आधार स्तम्भ एवं सिनेमा के युगपुरुष राजनारायण दुबे द्वारा स्थापित बॉम्बे टॉकीज़ द्वारा निर्मित और मेगास्टार आज़ाद के द्वारा सृजित फिल्म राष्ट्रपुत्र की सनातनी क्रांतिकारी महिला निर्मात्री कामिनी दुबे को सर्वश्रेष्ठ निर्मात्री के रूप में सम्मानित किया गया |

मेगास्टार आज़ाद ने वर्तमान की सामाजिक विसंगतियों को भारतीय सनातन परंपरा के ज़रिये परास्त करने के उद्देश्य से अपने सिनेमाई प्रतिभा के ज़रिये राष्ट्रपुत्र का सृजन किया है | आज़ाद जो कि अपने पुरुषार्थ, समर्पण और रचनात्मक प्रयोग के लिए जाने जाते है, छः दशको के बाद लीजेंडरी फिल्म कंपनी बॉम्बे टॉकीज़ को पुनः सक्रिय करने का गौरव भी उन्ही को जाता है |

इतिहास अपने आप को दोहराता है | सैन्य विद्यालय के छात्र मेगास्टार आज़ाद न सिर्फ हमारे ऋषि पूर्वजों एवं सनातन संस्कृतिपरम्पराओं का बखान करते है बल्कि उनका विश्लेषण कर अपने जीवन में, कर्म में, आचार-व्यवहार में उन्हें उतारते भी है | आज़ाद की कालजयी सिनेमाई कृति राष्ट्रपुत्र का विश्व प्रसिद्ध गौरवशाली 72 वां कान फिल्म फेस्टिवल में विश्व दर्शको के सामने भव्य प्रदर्शन किया गया और विश्व दर्शको ने राष्ट्रपुत्र का अभूतपूर्व स्वागत किया |

अब ये मेगास्टार आज़ाद की सिनेमा-यात्रा का अद्भुत क्षण है कि जब एक ही समय में एक ही मंच पर उन्हें चार श्रेणियों में सम्मानित किया गया | आज़ाद संस्कृत भाषा में बनी विश्व की पहली मुख्यधारा की फिल्म अहं ब्रह्मास्मि के रिलीज़ के सन्दर्भ में मुंबई से बाहर होने की वजह से पुरस्कार समारोह में अनुपस्थित रहे | वही दूसरी ओर सनातनी महिला कामिनी दुबे नवरात्र उत्सव में व्रत-उपवास में लीन होने के कारण पुरस्कार समारोह में अनुपस्थित रही | आज़ाद, बॉम्बे टॉकीज़ और कामिनी दुबे की ओर से बॉम्बे टॉकीज़ के क्रिएटिव डायरेक्टर और टीम आज़ाद के अहम सदस्य प्रतिक कुमार ने पुरस्कारों को स्वीकार किया |

ये आज़ाद की बहुआयामी प्रतिभा और अंतर्राष्ट्रीय सफलता की पूर्ण स्वीकृति है | ये रचनात्मक और सिनेमाई जगत की पहली दुर्लभ घटना है कि जब किसी कलाकार को इतनी श्रेणियों में एक साथ एक मंच पर सम्मानित किया गया हो | शाबाश आज़ाद ! तुम्हारी रचनाधर्मिता, प्रतिभा, लगन, उत्साह, कालातीत एवं बंधनमुक्त है | तुम भविष्य की आशा एवं वर्तमान का सिनेमाई चमत्कार हो |


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